maulik adhikar kise kahate hain मौलिक अधिकार किसे कहते हैं
मौलिक अधिकार वे अधिकार हैं जो नागरिकों को उनके जीवन जीने, विकास करने और अपनी क्षमताओं का पूर्ण उपयोग करने के लिए आवश्यक होते हैं। ये अधिकार संविधान में गारंटीकृत होते हैं और सरकार इन अधिकारों को छीन नहीं सकती है।
भारतीय संविधान में छह प्रकार के मौलिक अधिकार हैं:
- समानता का अधिकार: यह अधिकार सभी नागरिकों को कानून के समक्ष समानता, धर्म, जाति, लिंग, जन्म स्थान, या सामाजिक स्थिति के आधार पर भेदभाव से सुरक्षा, और सार्वजनिक रोजगार में समान अवसर प्रदान करता है।
- स्वतंत्रता का अधिकार: यह अधिकार नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, सभा की स्वतंत्रता, संघ बनाने की स्वतंत्रता, आवागमन की स्वतंत्रता, और निवास और व्यवसाय की स्वतंत्रता प्रदान करता है।
- शोषण के विरुद्ध अधिकार: यह अधिकार नागरिकों को दासता, बंधुआ मजदूरी, और बाल श्रम से सुरक्षा प्रदान करता है।
- धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार: यह अधिकार सभी नागरिकों को अपनी पसंद के धर्म का पालन करने, धार्मिक प्रचार करने, और धार्मिक संस्थाओं की स्थापना करने की स्वतंत्रता प्रदान करता है।
- सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार: यह अधिकार अल्पसंख्यक समुदायों को अपनी भाषा, लिपि, और संस्कृति को संरक्षित करने, और अपनी पसंद के शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना करने का अधिकार प्रदान करता है।
- संवैधानिक उपचारों का अधिकार: यह अधिकार नागरिकों को मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के मामले में न्यायालयों में जाने का अधिकार प्रदान करता है।
मौलिक अधिकार नागरिकों को सरकार से सुरक्षा प्रदान करते हैं और उन्हें अपनी स्वतंत्रता और गरिमा के साथ जीने का अधिकार देते हैं।
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